Advertisement

सुनामी कैसे आता है, तथा बचने के उपाय। ( In Hindi )

Source: Google



सुनामी ( Tsunami ):- सुनामी महासागर में पैदा होने वाली वह लहरें हैं जो तटीय भागों को प्रभावित करती है। सुनामी, समुद्र में आने वाले भूकंप का परिणाम है। जब कभी महासागर के नितल पर भूकंप आता है तो महासागरीय जल में भयंकर हलचल पैदा कर देता है और शक्तिशाली सुनामी का जन्म होता है। 


सुनामी लहरें अपने उद्गम स्थान से चारों ओर बड़ी तेजी से आगे बढ़ती है और तटीय भागों में काफी क्षति करती है। जब सुनामी आती है तो समुद्र में 2-15 मी. तक ऊंची लहरें उत्पन्न होती है तथा इनकी लंबाई 160 किमी. तक देखी गयी है। इनकी गति 400-500 किमी. प्रति घंटा तक होती है।




Source: Google

             सन् 1896 ई. में जापान के पास टस्करोरागर्त में आए सुनामी के कारण काम समय में 20,000 व्यक्तियों तथा 1200 मकानों को समाप्त कर दिया था। इस भूकंप के 7 घंटे 40 मिनट बाद 3590 मील दूर और 10 घंटे 35 मिनट बाद 4790 मील दूर सैन फ्रांसिस्को शहर में इसी प्रकार के तेज प्रचंड सुनामी का प्रभाव देखा गया था। सन् 2004 में इंडोनेशिया में आई सुनामी का प्रभाव हज़ारों किमी. दूर भारतीय तट पर देखा गया था जहाँ हज़ारों लोग मारे गए तथा हज़ारो बेघर हो गए थे।

सुनामी से बचाव के उपाय:- अंतराष्टीय सुनामी चेतावनी तंत्र एक ऐसी व्यवस्था है जिससे भूगर्भीय गतिविधिया

का अध्ययन किया जाता है और इन पर निगाह रखी जाती है। इस पूर्व सूचना के आधार पर आवश्यक कदम उठाए जाते है। जिससे काम से कम नुकसान हो सके। 

तटवर्ती भागों में ज्वारीय वृक्षों को लगाकर तरंगों के वेग को कम किया जा सकता है। प्रायः तटीय भागों में मछुआरों की आबादी अधिक होती है तथा सबसे ज्यादा वही प्रभावित भी होते है। अतः उन्हें इनके प्रभाव से बचाने के लिए बचाव कार्य और कानून व्यवस्था में सहयोग देने के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए।



Theme images by tomograf. Powered by Blogger.