भूकंप के बारे में, और बचाव। ( In Hindi )
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भूकंप ( Earthquake ):- प्राकृतिक आपदाओं में भूकंप सबसे भयावह एवं विनाशक प्राकृतिक आपदा है। यह एक ऐसा प्राकृतिक प्रकोप है जिसके सामने घुटने टेकने में आलावा मनुष्य के सामने कोई रास्ता नही बन पाया है। प्राकृतिक प्रकोपों में मरने वालों में 13% मौतें भूकंप से होती है। यूनेस्को के सर्वेक्षण के अनुसार औसतन दस हज़ार लोग प्रतिवर्ष भूकंप से मरते हैं।
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भूकंप एक अत्यंत विनाशकारी तथा विध्वंश प्राकृतिक आपदा है। जिसका न तो पूर्वानुमान ही किया जा सकता है और नहीं भविष्यवाणी।
भूकंप का जन्म पृथ्वी के गर्भ में विवर्तनिक घटनाओं के कारण होता है जिसमे ताप जनित तनाव, भू संतुलन की अव्यवस्था, ज्वालामुखी क्रिया जलीय दबाव, पृथ्वी के प्लेटों का संचरण आदि प्रमुख है। नवीन मोड़दार पर्वतीय भागों में पर्वत निर्माण की प्रक्रिया के चलते रहने के कारण प्रायः भूकंप आते रहते है क्योंकि वहाँ का धरातल अभी तक संतुलित नहीं हो पाया है।
भूकंप के झटके कुछ ही पलों में हज़ारों लोगों को काल कलवित कर देते है भूकंप के कारण प्रतिवर्ष लाखों लोग मारे जाते है तथा अपार धन संपत्ति की क्षति होती है। 1976 में चीन में आये भूकंप के कारण 750,000 लोग मारे गए थे। भूकंप का सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र परिप्रशान्त मेखला है। चिली, संयुक्त राज्य अमेरिका, इटली जावा, जापान, चीन, तुर्की, ईरान आदि देश प्रमुख है जो भूकंप की मार सबसे अधिक झेलते हैं। इसके अलावा हिमालय के पर्वतीय क्षेत्र भी भूकंप प्रभावित क्षेत्र है।
भूकंप की घटना पर नियंत्रण मनुष्य के बस के बाहर है। इस देवी प्रकोप से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय किये जा सकते है।
केवल इसके दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है अर्थात आर्थिक क्षति को कम किया जा सकता है। भूकंप प्रबंधन के लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते है।
भूकंप से बचाव के उपाय:-
2. भूकंप की सूचना मिलते ही लोगों को अपने घरों को छोड़कर तुरंत खुले मैदान में आ जाना चाहिए।
3. भूकंप की आशंका वाले क्षेत्र में ऐसे मकान नहीं बनाने चाहिए जिसमें अधिक आबादी बस सके।
4. भूकंप रोधी मकान अधिक से अधिक बनाये जाने चाहिए।