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कोयला का महत्व ( Importance Of Coal )

कोयला का महत्व ( Importance Of Coal )

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कोयला का महत्व ( Importance Of Coal ):- अब से 80 वर्ष पुर्व विश्व की 90% औद्दोगिक शक्ति का स्त्रोत कोयला था। द्वितीय महायुद्ध से पूर्व संसार की समस्त यांत्रिक शक्ति का 66% भाग कोयले से प्राप्त होता था। कोयले के बल पर ही ब्रिटेन ने उन्नीसवीं शताब्दी में अपनी औद्दोगिक और महासागरीय प्रभुता प्राप्त की थी। कोयले के बल पर ही जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा पूर्व सोवियत संघ ने बड़ी तीव्र गति से औद्दोगिक तथा व्यापारिक उन्नति की है। चीन और भारत की औद्योगिक प्रगति का आधार भी कोयला ही रहा है, यद्दपि अब जल विद्दुत के अधिक प्रयोग पर ध्यान दिया जा रहा है।

     वर्तमान समय मे विश्व में लगभग 40% औद्दोगिक शक्ति कोयले से ही प्राप्त होती है। अब कोयले का प्रयोग कृत्रिम पेट्रोल बनाने मे तथा कच्चे मालों की तरह भी किया जा रहा है। यद्दपि पिछले कुछ वर्षों में शक्ति के अन्य संसाधनों ( पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, जल विद्दुत और परमाणु शक्ति ) के प्रयोग में वृद्धि होने के कारण कोयले की खपत कम होती चली जा रही है फिर भी लौह-इस्पात निर्माण तथा ताप विद्युत उत्पादन में कोयले का कोई विकल्प नहीं है। अब तक कार्बन के 10 हजार रूपों का पता लगाया गया है। पिच, कोक, बेंजोल, नेप्थलीन, सल्फ्यूरिक एसिड आदि कोयले के प्रमुख उप-उत्पाद हैं। इनका विभिन्न रूपों में उपयोग किया जाता है। कोयले के उपयोग एवं महत्व के कारण ही कोयले को काला हीरा ( Black Diamond ) कहा जाता है।




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