भूस्खलन की जानकारी। ( In Hindi )
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भूस्खलन ( Landslide ):- भू-स्खलन यद्दपि एक प्राकृतिक आपदा है लेकिन इसमें मानवीय क्रियाकलापों पर भी हाथ रहता है। जब पर्वतीय भागों में चट्टानों तथा मिट्टी आदि गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण नीचे ढाल की ओर नीचे सरकती है तो उसे भू-स्खलन कहा जाता है। भूस्खलन के मलबे से गाँव और शहर उजड़ जाते है। सड़कें और बाँध टुट जाते है तथा विस्तृत क्षेत्र में परिस्थिति की में व्यवधान उत्पन्न हो जाते है। अनेक नदियों की धारा में भूस्खलन से व्यवधान उत्पन्न हो जाता है, वनास्पतियाँ विनिष्ट हो जाती है तथा जीव पलायन कर जाते है।
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भूस्खलन के लिए प्राकृतिक कारणों में भूकंप, जल रिसाव, नदी घाटी का कटाव, अति वर्षण आदि प्रमुख है। इनमें सबसे प्रभावशाली कारक भूकंप है। हमारे देश में हिमालय पर्वतीय भाग में चट्टानों को तोड़ फोड़ और भौतिक गुणों का आकलन किये बिना निर्माण आदि भूस्खलन को बढ़ावा देता है। हिमालय क्षेत्र में ऐसे अनेक निर्माण कार्य किये गए है जिससे इसे बढ़ावा मिला है।
भू-स्खलन के कारण मार्ग अवरुद्ध हो जाता है, जिससे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अल्पकालीन बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।