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डॉ. भीमराव अंबेडकर की जीवनी। ( In Hindi )

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डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल सन् 1891 ई. में मध्य प्रदेश के महू में हुआ। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारत के संविधान को बनाया था। 

ये भारत के प्रथम कानून मंत्री थे। इन्हें सन् 1990 ई. में "भारत रत्न" द्वारा सम्मानित किया गया। डॉ भीमराव अम्बेडकर सन् 1947 ई. में भारत के संविधान की रचना के लिए संविधान सभा से गठित ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष थे। 


इसके साथ ही साथ डॉ. भीमराव अम्बेडकर भारत के सबसे पहले कानून मंत्री भी थे। डॉ. भीमराव अम्बेडकर के पिता का नाम रामजी और माता का नाम भीमाबाई सकपाल अम्बेडकर था। डॉ. बी. आर. अम्बेडकर अपने माता पिता के चौदहवीं संतान थे। डॉ. भीमराव के पिता सेवानिवृत होने के बाद महाराष्ट्र में रहने लग गए। 

डॉ. भीमराव अम्बेडकर का महाराष्ट्र के स्थानीय स्कूल में दाखिला हुआ। सन् 1908 ई. में मुम्बई विश्वविद्यालय से मैट्रिक परीक्षा पास की। डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने आगे की पढ़ाई के लिए एल्फिंस्टोन कॉलेज में दाखिला लिया। सन् 1912 ई. में उन्होंने मुम्बई विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त करके  बड़ौदा में एक नौकरी नौकरी करने लगे। 


 सन् 1913 ई. में भीमराव अम्बेडकर के पिता रामजी अम्बेडकर का निधन हो गया।  सन् 1913 ई. में भीमराव अमेरिका पहुंचे। सन्


 1916 ई.  में मास्टर ऑफ़ आर्ट्स की डिग्री और कोलंबिया विश्वविद्यालय से अपने शोध ” नेशनल डिविडेंड फॉर इंडिया: ए  हिस्टोरिकल एंड एनालिटिकल स्टडी” के लिए दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अम्बेडकर अर्थशास्त्र और राजनिति विज्ञान की शिक्षा के लिए अमेरिका से लंदन गए पर बड़ौदा सरकार ने उन्हें वापस बुला लिया। 

लेकिन फिर वे सन् 1924 ई. में मुम्बई वापस आ गए। 



1920 में धनराशि जमा करने के बाद अम्बेडकर अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए लंदन जाकर वकालत की पढाई की। लंदन में अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद अम्बेडकर भारत वापस आ गए। सन् 1936 ई. में अम्बेडकर ने “स्वतंत्र लेबर पार्टी ‘की स्थापना की। सन् 1948 ई. में डॉ. अम्बेडकर ने हिन्दू कानून को सुव्यवस्थित करने की एक कोशिश में हिन्दू कोड बिल संविधान सभा में प्रस्तुत कर दिया। बिल को लेकर कांग्रेस पार्टी से काफी मतभेद चलते थे। बिल पर विचार करने के लिए इसे सन् 1951 ई. तक स्थगित कर दिया गया था। बिल को पास करने के समय को कम कर दिया गया था। जिसके कारण अम्बेडकर उदास होकर कानून मंत्री से त्याग पत्र दे दिया। 

24 मई सन् 1956 ई. को मुम्बई में बुद्ध जयंती के शुभ अवसर पर उन्होंने यह घोषणा कर दी कि वह अक्टूबर में बौद्ध धर्म अपना लेंगे। फिर 14 अक्टूबर सन् 1956 ई. को उन्होंने अपने कई अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म को अपना लिया।


 6 दिसंबर सन् 1956 ई. को डॉ. भीमराव अम्बेडकर का देहान्त हो गया।
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