गिलोय के आयुर्वेदिक गुण। (In Hindi)
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गिलोय एक बहुवर्षीय लता तथा जड़ी बूटी है, इसे हम गुडूची अथवा अमृता नाम से भी जानते हैं, भारत, म्यांमार और श्रीलंका में भी गिलोय जड़ी बूटी पायी जाती है। यह एक औषिधीय गुणों वाली जड़ी बूटी है, इसमें मधुमेह, कैंसर, एचआईवी, गठिया, एंटी-इन्फ्लोमैटेंट, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी विषाक्त, एंटी एलर्जी, एंटी पैरेथिक, एंटी मलेरिया, एंटी ट्यूमर तथा दिल की सुरक्षात्मक गुण हैं।
आयुर्वेद में गिलोय का इस्तेमाल शरीर की वट्टा, पिटा और कफ को शांत करने के लिए किया गया है।
गिलोय के फायदे:-
1. प्रतिरक्षा बढ़ाता है: गिलोय का सबसे महत्वपूर्ण लाभ इसकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देना है। गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो स्वास्थ्य को सुरक्षित रखते हैं अथवा जटिल बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखता है। गिलोय शरीर से मुक्त कणों को हटा देता है। गिलोय का उपयोग ह्रदय संबंधी बीमारियों के उपचार में किया जाता है।
3. गिलोय पाचन में और आंत से जुड़े बीमारियों का इलाज करने में बहुत उपयोगी है। भोजन के पाचन के साथ, कब्ज, अम्लता, बवासीर, हृदय जला आदि जैसे पाचन के रोगों से राहत पाने में मदद करता है। कब्ज के उपचार के लिए आंवला या गुड़ के साथ आधा ग्राम गिलोय का पाउडर लेने से कब्ज दूर हो जाते है।
4. मधुमेह के लिए गिलोय एक हाइपोग्लाइसीमिक एजेंट के रूप में काम करती है जो लिपिड और रक्तचाप के स्तर को कम करती है, यह जड़ी बूटी मधुमेह के उपचार के लिए उपकारी है।
5. चिंता के लिए गिलोय प्राकृतिक रूप से एक उपयोगी है। दिमाग को आराम और मस्तिष्क को मजबूत करने के लिए गिलोय लाभप्रद है।
7. गठिया के लिए गिलोय में एंटी-आर्थराइटिक गुण होते हैं जो की गठिया का इलाज करते हैं। जोड़ों का दर्द के लिए गिलोय और स्टेम का पाउडर दूध के साथ उबालकर पीने से गठिया में काफी सुधार कर सकते हैं।
8. आँखों के रोगों के लिए भी गिलोय का उपयोगी है।
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